‘113 इंजीनियर्स रेजीमेंट’ से जुड़े सिंह का पार्थिव शरीर उनके घर लाया गया, तो उनकी मां और पिता ने उनका माथा चूमा, जबकि उनकी बहन और भाई ने उन्हें सलाम किया. अरविंद की चिता को उनके आठ साल के बेटे ध्रुव ने मुखाग्नि दी.
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